श्रीमान बाहुबली के जुर्म की काली किताब कचहरी में खुलने के बाद कानून ने उनके उड़ान पर विराम लगा दिया, इनमें से कई सजायाफ्ता हो गये, कई जेल में हैं तथा कुछ लोग जमानत पर बाहर। यह कानून का दाव है, लेकिन सियासत का शौक जेहन से जाने का नाम न ले रहा है। इसी का परिणाम है कि सजायाफ्ता एवं जेल में बंद कुछ बेबस बाहुबलियों ने अपनी-अपनी श्रीमतियों के सहारे सियासत की पंद्रहवीं जंग से जूझने का मन बनाया है। यानी लोकतंत्र में दहशत का खेल होगा, लेकिन पर्दे के पीछे से। हालांकि पहले से भी कई श्रीमती बाहुबली अपने-अपने श्रीमान बाहुबलियों की बदौलत विधानसभा का चैखट लांघ चुकी हैं। खगड़िया के पूर्व बाहुबली विधायक रणवीर यादव की पत्नी पूनम यादव, स्व. बूटन सिंह की पत्नी लेसी सिंह, जेल में बंद अवधेश मंडल की पत्नी बीमा भारती जैसी महिला विधायक उदाहरण मात्र हैं।
चुनाव की तिथियां तेजी से सरकने के साथ ही 38 जिलों के विधानसभा क्षेत्रों में सजायाफ्ता क्षत्रपों ने सियासत करना शुरू कर दिया है। इससे राजनीतिक दलों को भी गुरेज नहीं। गौरतलब है कि बिहार के चुनाव में कुछ बेहतर करने का प्रयास कर रही कांग्रेस ने अपने चुनावी अभियान की शुरुआत पार्टी युवराज से करवा दिया है। युवराज यानी राहुल गांधी। राहुल गांधी ने पिछले पांच सितंबर को समस्तीपुर और सहरसा में दो जनसभाओं को संबोधित किया था। बता दें कि सहरसा की जनसभा में युवराज के आजू-बाजू बैठनेवालियों में कोशी के दो बाहुबलियों आनंद मोहन एवं राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की पत्नी क्रमशः लवली आंनद एवं रंजीता रंजन थीं। कांग्रेस के अंदर इनकी सक्रियता साफ देखी जा रही है। चर्चा है कि पप्पू यादव की पत्नी रंजीता रंजन मधेपुरा के बिहारीगंज से या फिर पूर्णिया के वायसी से चुनाव लड़ना चाहती हैं, वहीं आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद महिषी विधानसभा से जोर आजमाइश करेंगी।
इधर हत्या की सजा के जुर्म में उम्र कैद काट रहे मुन्ना शुक्ला अपनी पत्नी अन्नु शुक्ला को लालगंज से चुनाव मैदान में उतारने को तैयार हैं। उल्लेखनीय है कि श्री शुक्ला तीन बार विधायक रह चुके हैं। पटना से सटे मोकामा विधानसभा क्षेत्र में भी सजा काट रहे ललन सिंह की पत्नी सोनम देवी का चुनाव लड़ना तय है। इनका सामना वर्तमान बाहुबली विधायक अनंत सिंह से होगा। दानापुर से पूर्व बाहुबली स्व. सत्यनारायण सिंह की पत्नी आशा देवी जो वर्तमान जनप्रतिनिधि हैं, चुनाव मैदान में भाजपा के टिकट पर दोबारा चुनाव लड़ेंगी। छपरा मढौरा से कांग्रेस के टिकट पर बाहुबली मुन्ना ठाकुर की पत्नी शोभा देवी का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। इसी तरह जेल में बंद रणवीर यादव की पत्नी वर्तमान विधायक पूनम देवी का खगड़िया से, जेल में ही बंद बाहुबली अशोक सिंह की मुखिया पत्नी का भी खगड़िया से ही चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। समस्तीपुर में हसनपुर विधानसभा क्षेत्र में बाहुबली कुंदन सिंह की पत्नी जिप उपाध्यक्ष सुनीता सिंह एवं कुख्यात अशोक यादव की पत्नी बिथान ब्लॉक प्रमुख विभा देवी भी क्रमशः कांग्रेस और जदयू से अपनी-अपनी दावेदारी जता चुके हैं। लखीसराय का कुख्यात अपराधी खिखर सिंह जिला पार्षद पत्नी चंदा देवी, नवादा में अखिलेश सिंह अपनी पत्नी अरुणा देवी को, बाहुबली कौशल यादव विधायक पत्नी पूर्णिमा यादव को चुनाव लड़ाने को बेताब हैं। सीतामढ़ी के बाहुबली राजेश चैधरी की पत्नी गुड्डी चैधरी (वर्तमान विधायक) एवं जेल में बंद अवधेश मंडल की पत्नी एवं वर्तमान विधायक बीमा भारती भी चुनावी ताल ठोकने को तैयार हैं। बेलदौर विधानसभा से दिवगंज बाहुबली सहेंद्र शर्मा की पत्नी लोजपा के टिकट पर तथा कई संगीन जुर्मों का अपराधी पप्पू देव की पत्नी पूनम देव भी विधानसभा चुनाव में दो-दो हाथ करने को तैयार बैठी हैं। इधर सिवान जेल में बंद बाहुबली पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की पत्नी हीना शहाब भी राजद टिकट पर भाग्य आजमायेंगी। नहला पर दहला यह कि कभी नीतीश कुमार कुछ अवसर के बहाने आनंद मोहन के घर पहुंच रहे हैं। कभी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद शहाबुद्दीन से मिलने सिवान जेल पहुंच रहे हैं, तो कभी कांग्रेस के युवराज श्रीमती बाहुबलियों का सहारा ले रहे हैं। चलिए, अब राजनीति के अपराधीकरण के स्त्रैण चरित्र को झेलने के लिए तैयार रहिए।
चुनाव की तिथियां तेजी से सरकने के साथ ही 38 जिलों के विधानसभा क्षेत्रों में सजायाफ्ता क्षत्रपों ने सियासत करना शुरू कर दिया है। इससे राजनीतिक दलों को भी गुरेज नहीं। गौरतलब है कि बिहार के चुनाव में कुछ बेहतर करने का प्रयास कर रही कांग्रेस ने अपने चुनावी अभियान की शुरुआत पार्टी युवराज से करवा दिया है। युवराज यानी राहुल गांधी। राहुल गांधी ने पिछले पांच सितंबर को समस्तीपुर और सहरसा में दो जनसभाओं को संबोधित किया था। बता दें कि सहरसा की जनसभा में युवराज के आजू-बाजू बैठनेवालियों में कोशी के दो बाहुबलियों आनंद मोहन एवं राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की पत्नी क्रमशः लवली आंनद एवं रंजीता रंजन थीं। कांग्रेस के अंदर इनकी सक्रियता साफ देखी जा रही है। चर्चा है कि पप्पू यादव की पत्नी रंजीता रंजन मधेपुरा के बिहारीगंज से या फिर पूर्णिया के वायसी से चुनाव लड़ना चाहती हैं, वहीं आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद महिषी विधानसभा से जोर आजमाइश करेंगी।
इधर हत्या की सजा के जुर्म में उम्र कैद काट रहे मुन्ना शुक्ला अपनी पत्नी अन्नु शुक्ला को लालगंज से चुनाव मैदान में उतारने को तैयार हैं। उल्लेखनीय है कि श्री शुक्ला तीन बार विधायक रह चुके हैं। पटना से सटे मोकामा विधानसभा क्षेत्र में भी सजा काट रहे ललन सिंह की पत्नी सोनम देवी का चुनाव लड़ना तय है। इनका सामना वर्तमान बाहुबली विधायक अनंत सिंह से होगा। दानापुर से पूर्व बाहुबली स्व. सत्यनारायण सिंह की पत्नी आशा देवी जो वर्तमान जनप्रतिनिधि हैं, चुनाव मैदान में भाजपा के टिकट पर दोबारा चुनाव लड़ेंगी। छपरा मढौरा से कांग्रेस के टिकट पर बाहुबली मुन्ना ठाकुर की पत्नी शोभा देवी का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। इसी तरह जेल में बंद रणवीर यादव की पत्नी वर्तमान विधायक पूनम देवी का खगड़िया से, जेल में ही बंद बाहुबली अशोक सिंह की मुखिया पत्नी का भी खगड़िया से ही चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। समस्तीपुर में हसनपुर विधानसभा क्षेत्र में बाहुबली कुंदन सिंह की पत्नी जिप उपाध्यक्ष सुनीता सिंह एवं कुख्यात अशोक यादव की पत्नी बिथान ब्लॉक प्रमुख विभा देवी भी क्रमशः कांग्रेस और जदयू से अपनी-अपनी दावेदारी जता चुके हैं। लखीसराय का कुख्यात अपराधी खिखर सिंह जिला पार्षद पत्नी चंदा देवी, नवादा में अखिलेश सिंह अपनी पत्नी अरुणा देवी को, बाहुबली कौशल यादव विधायक पत्नी पूर्णिमा यादव को चुनाव लड़ाने को बेताब हैं। सीतामढ़ी के बाहुबली राजेश चैधरी की पत्नी गुड्डी चैधरी (वर्तमान विधायक) एवं जेल में बंद अवधेश मंडल की पत्नी एवं वर्तमान विधायक बीमा भारती भी चुनावी ताल ठोकने को तैयार हैं। बेलदौर विधानसभा से दिवगंज बाहुबली सहेंद्र शर्मा की पत्नी लोजपा के टिकट पर तथा कई संगीन जुर्मों का अपराधी पप्पू देव की पत्नी पूनम देव भी विधानसभा चुनाव में दो-दो हाथ करने को तैयार बैठी हैं। इधर सिवान जेल में बंद बाहुबली पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की पत्नी हीना शहाब भी राजद टिकट पर भाग्य आजमायेंगी। नहला पर दहला यह कि कभी नीतीश कुमार कुछ अवसर के बहाने आनंद मोहन के घर पहुंच रहे हैं। कभी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद शहाबुद्दीन से मिलने सिवान जेल पहुंच रहे हैं, तो कभी कांग्रेस के युवराज श्रीमती बाहुबलियों का सहारा ले रहे हैं। चलिए, अब राजनीति के अपराधीकरण के स्त्रैण चरित्र को झेलने के लिए तैयार रहिए।
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